sabdo ke uddan
Wednesday, 10 August 2016
जरूरतों का अंत नहीं
इंसान के जरूरतों का अंत नहीं
इंसान के जरूरतों का अंत नहीं,
ज़िन्दगी जीने का कोई अर्थ नहीं,
मन लो खुशिया जब तक है , ज़िन्दगी ,
क्या पता , कल जरूरते हो पर ज़िन्दगी नहीं .॥
by daou....
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